मेरी तीन कविताएं
आर जे रमेश
बेटी है तो है संसार
आर जे रमेश
उसमें है नारी का नूर प्यार।
माँ की गोद से आई है दूनिया में,
सपनों की उड़ान भरती है।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ,
ये नारा है, ये हमारा वचन।
समाज बदले, सोच बदले,
बेटी को मिले सम्मान सबका।
बेटी असमिता का रखो लाज,
माँ की अंचल का उतारो तुम कर्ज।
माँ बेटियों का करो तुम सम्मान,
ये है सच्ची पहचान एक सच्चा इंसान का।
बेटी है शक्ति, बेटी है ताकत,
बेटी है देश का भविष्य, बेटी है शक्ति।
क्यों होती है बेटी पर जुल्म,
क्यों होती है बेटी पर कुदरत की कसम।
आओ मिलकर बदले हम ये दशा,
बेटी को दें हम खुलकर आज़ादी।
एक नई सुबह होगी, एक नया जमाना,
जब बेटी को मिलेगा सम्मान समान।
बेटी बचेगी, बेटी बढ़ेगी,
देश आगे बढ़ेगा।
ईश्वर की सत्ता देखो कैसी अनोखी है
आर जे रमेश
हम सबके दिल में बसी अदृश्य जो रौशनी है
हर किसी की आत्मा का मिलान जब हो जाये
तो इस धरती पर प्रेम का सारा फूल खिल जाये
सभी के दिलों में वही एक ज्योति जलती है
उसके बिना ये दुनिया अधूरी सी लगती है
जब सारे मिल जाएं एक नया संसार बने
ईश्वर के धाम का हमें सच्चा एहसास हो
ईश्वर का कार्य अनोखा ये अद्भुत संसार है
प्रेम और सत्य से भरा उनका हर एक द्वार है
जब हम सब मिलकर एक हो जाएंगे
तो इस भूमि पर स्वर्ग उतर आएंगे
उसकी आराधना में शक्ति अनंत होती है
निश्छल भक्ति से ही सबके दुःख मिटते हैं
ईश्वर की कृपा से सबकुछ आसान हो
दुनिया में बस प्रेम का ही विधान हो
उसके बिना है अधूरा हर कोई इंसान
प्रेम से भरा दिल और सच्चा स्वाभिमान
जब हम प्रेम बाटेंगे सबका स्वागत करेंगे
तो इस धरती पर नया सवेरा लाएंगे
ईश्वर का कार्य अनोखा ये अद्भुत संसार है
प्रेम और सत्य से भरा उनका हर एक द्वार है
जब हम सब मिलकर एक हो जाएंगे
तो इस भूमि पर स्वर्ग उतर आएंगे
ये धरती हम सबकी है, ये आसमान हमारा है,
आर जे रमेश
सब मिलकर रहें, ये हमारा संसार है।
एकता की डोर से बंधे, हम सब साथ चलें,
देश सेवा का जज्बा, दिलों में जलें।
ये देश ना तेरा है ना मेरा है,
ये देश हम सबका है, ये सच है।
जब देश सबका है, तो सबके कल्याण के लिए सोचें,
स्वार्थ और अर्थ से ऊपर उठकर देखें।
देशभक्त बनने का ये सच्चा रास्ता है,
जब हर दिल में सेवा का जज्बा जगा है।
एकता की शक्ति से ही देश बढ़ेगा,
सब मिलकर आगे बढ़ेंगे, ये हमारा संकल्प है।
क्यों बंटते हैं हम जाति, धर्म के नाम पर,
क्यों भूल जाते हैं हम अपना मातृभूमि का प्यार।
आओ मिलकर बनाएं एक नया भारत,
जहां सबको मिले बराबर का हक।
सेतुः (आशावादी, उत्साहित)
ये देश हमारा है, ये हमारा गौरव है,
इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
सब मिलकर काम करें, देश को आगे बढ़ाएं,
एक नई सुबह का इंतजार करें।