कोटद्वार में आयोजित हुआ शैलशिल्पी पराक्रम दिवस समारोह
कर्मवीर जयानन्द भारती की दी श्रद्धांजलि
कोटद्वार। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष, ऋतु खण्डूडी भूषण ने कोटद्वार में आयोजित शैलशिल्पी पराक्रम दिवस समारोह में प्रतिभाग लिया। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, पौड़ी काण्ड के नायक, और उत्तराखंड रत्न कर्मवीर जयानन्द भारती को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।
कार्यक्रम का आयोजन शैलशिल्पी विकास संगठन द्वारा ऐतिहासिक ’पौड़ी काण्ड’ की 92वीं वर्षगांठ के अवसर पर किया गया। समारोह में बतौर मुख्यअतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि जयानन्द भारती का योगदान उत्तराखंडी समाज के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है। खण्डूडी ने कहा समाज सुधारक,से लेकर आर्यसमाज के प्रचारक व स्वतंत्रता संग्रामी और सामाजिक न्याय व सामाजिक समरसता के लिए दीर्घ कालिक संघर्ष किया ,उन्होंने सामाजिक चेतना के रूप में जन जागरण जैसे कार्यों मे महत्वपूर्ण योगदान दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से हमारी आने वाली पीढ़ियाँ अपने पूर्वजों की त्याग और संघर्ष की कहानियों से प्रेरित होंगी और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगी।
अध्यक्ष विधानसभा ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जयानन्द भारती को सामाजिक चेतना के सजग प्रहरी होने के साथ ही डोला-पालकी आन्दोलन का अग्रदूत भी बताया।
30 अगस्त 1930 को लैंसडाउन न्यायालय द्वारा इन्हें तीन माह का कठोर कारावास दिया गया। धारा 144 का उल्लंघन करते हुए जब इन्होंने अंग्रेजी शासन के विरूद्ध दुगड्डा में जनसभा की तो इन्हें छः माह के कठोर कारावास की सजा हुई थी।उनके समर्पण और संघर्ष की भावना आज भी प्रेरणा का स्रोत है और उनकी उपलब्धियों को उत्तराखंड की जनसाधारण द्वारा हमेशा याद किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने शैलशिल्पी विकास संगठन की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के आयोजन समाज में ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखने में सहायक होते हैं।
इस अवसर पर विकास आर्य, रघुनाथ लाल आर्य, निर्देशक प्रारंभिक शिक्षा, मदन शिल्पकार, प्रदेश अध्यक्ष एससी एसटी फेडरेशन, विक्रम शाह, सत्य प्रकाश थपलियाल, अमित कुमार चंद, के सी निराला, प्रमोद कुमार, राजेंद्र सिंह नेगी, सोहनलाल, नंदकिशोर, भारत भूषण शाह, मनवर लाल भारती, कुसुम पटवाल, नीना बेंजवाल, संगीता सुंदरियाल, संजीव थपलियाल, राजेंद्र जजेडी, सुधीर खंतवाल, रजत भट्ट आदि मौजूद रहे।