भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को बताया स्वयंभू शंकराचार्य 

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भूमा पीठाधीश्वर अनंतश्री विभूषित स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने देश में बढ़ते स्वयंभू शंकराचार्यों पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भी स्वयंभू शंकराचार्य बताया है। आज हरिद्वार में उन्होंने कहा कि ना तो उनके पास शंकराचार्य पद की कोई योग्यता है और ना ही शास्त्रों में लिखे गए नियमों के अनुसार वह शंकराचार्य पद पर विराजमान हो सकते हैं। उच्चतम न्यायालय में भी वाद चल रहा है और उनके शंकराचार्य पद पर विराजमान होने पर रोक लगी है। स्वामी अच्युतानंद तीर्थ जी महाराज ने कहा कि उनके गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने राम मंदिर के नाम पर रामालय ट्रस्ट बनाकर अरबों रुपये का सोना और नकदी लोगों से दान प्राप्त किया था, जिसका कोई हिसाब-किताब इन्होंने नहीं दिया है। केदारनाथ में मंदिर में सोना गायब होने वाला बयान भी वह अपने ऊपर लगे आरोपों और पूर्व में रामालय ट्रस्ट के नाम पर प्राप्त किए गए हजारों किलो सोना व करोड़ों रुपये का हिसाब देने से बचने के लिए दिया है।

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