उत्तराखंड में मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न
राज्य में लगभग 56 प्रतिशत हुआ मतदान
राज्य की 5 सीटों पर 55 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद
4 जून को आयेगा फैसला
देहरादून। देहरादून। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में उत्तराखंड की सभी पांचों सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया है। चुनाव आयोग के अनुसार इस बार राज्य में लगभग 56 प्रतिशत मतदान हुआ। अभी अंतिम आंकड़े आने बाकी हैं। मतदान संपन्न होने के साथ ही उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ रहे 55 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला भी ईवीएम में कैद हो गया है। उत्तराखंड के सभी जिलों में पोलिंग पार्टियां सकुशल मतदान कराने के बाद जिला मुख्यालय स्थित स्ट्रांग रूम में लौट आई हैं, जहां ईवीएम और वीवी पैट को त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुरक्षित रखा गया है। इनमें हरिद्वार लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि गढ़वाल से 13, टिहरी से 11, नैनीताल-ऊधमसिहं नगर से 10 और अल्मोड़ा लोकसभा संसदीय क्षेत्र से 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। हालांकि सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन आगामी 4 जून को मतगणना के बाद ही पता चल पाएगा कि इन सीटों पर कौन विजयी रहेगा।
पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में मतदान प्रतिशत में गिरावट आई है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में 61 दशमलव 5 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। हालांकि इस बार चुनाव आयोग ने प्रदेश में 75 प्रतिशत मतदान का लक्ष्य रखते हुए विभिन्न मतदाता जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किए थे, लेकिन इसके बावजूद अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। इस साल राज्य की हरिद्वार लोकसभा सीट पर सबसे अधिक, जबकि अल्मोड़ा संसदीय क्षेत्र में सबसे कम मतदान देखने को मिला। इस साल हरिद्वार सीट पर 62.36 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ, जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर 69. 24 प्रतिशत मत डाले गए थे। मताधिकार का प्रयोग करने में नैनीताल-उधमसिंह नगर संसदीय क्षेत्र के मतदाता दूसरे स्थान पर रहे। इस सीट पर 61. 35 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो अंतिम लोकसभा में हुए चुनाव से करीब पांच प्रतिशत कम है। टिहरी लोकसभा सीट 52. 27 प्रतिशत मतदान के साथ इस बार भी तीसरे स्थान पर है, जबकि गढवाल संसदीय क्षेत्र के मतदाता 50.84 फीसदी मत डालकर चौथे स्थान पर रहे। वहीं, अल्मोड़ा में महज 46.94 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम के अनुसार मत प्रतिशत में कमी आने का मुख्य कारण बढ़ती गर्मी और शादियों का सीजन है।