मुख्यमंत्री ने किया ग्रामीण उत्तराखण्ड उद्यमिता समिट 2023 ‘गुल्लक’ में प्रतिभाग
राज्य में ‘मिशन अंत्योदय सर्वे’ मोबाइल ऐप का हुआ शुभारम्भ
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड उद्यमिता समिट के आयोजन को राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों के लिए लाभदायक बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवसायियों को विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जानकारी मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि, उद्यमियों हेतु आयोजित ‘गुल्लक’ कार्यक्रम, देशभर में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें निवेशक ग्रामीण उद्यमियों के साथ सीधे संवाद कर उनके उद्यमों में निवेश कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को गति प्रदान करने के लिए हमारी सरकार द्वारा विगत वर्ष “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ की स्थापना जनपद अल्मोड़ा के हवालबाग में और जनपद पौड़ी के कोटद्वार में की गई। वर्तमान में इन “रूरल बिजनेस इनक्यूबेटर्स“ के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इनक्यूबेटर्स के अच्छे परिणामों को देखते हुए इस योजना को हब एवं स्पॉक मॉडल के अंर्तगत राज्य के अन्य 11 जनपदों में क्रियाशील किए जाने हेतु “रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर“ के स्पॉक स्थापित किए जाएंगे। इन इनक्यूबेटर्स के माध्यम से हमारे उद्यमियों को नए अवसर प्राप्त हो सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कर्मशील नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति कर रहा है, उद्योग जगत भी इससे अछूता नहीं है। हमारी यह पहल प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल की अवधारणा को मजबूती प्रदान करेगा तथा इससे विकास के नये रास्ते तय होंगे तथा आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी यह निर्णायक पहल होगी। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब वे हवाल बाग में निवेशकों से मिले थे उस समय की निवेश की यह धनराशि आज 07 करोड थी जो अब बढ़कर 20 करोड़ हो गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता के क्षेत्र में कार्य करने वालों का जज्बा उन्होंने देखा है उनका आत्म विश्वास अन्य युवाओं के लिये भी प्रेरणा का कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि, प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश का मान व सम्मान बढ़ा है। इसका प्रतिफल है कि जी-20 देशों की अध्यक्षता भारत को मिली है। इसकी दो महत्वपूर्ण बैठकें उत्तराखण्ड में भी होनी हैं यह हमारे लिये भी सम्मान की बात है। समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे यह हमारा दायित्व होना चाहिए। ग्रामीण उद्यमिता के विकास से हमारे युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे तथा नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनेंगे। ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों के विपणन की बेहतर व्यवस्था पर हमारा विशेष ध्यान है। आज देश में आयात को निर्यात में बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन की समस्या से निजात पाने के लिए विशेष रूप से कार्य कर रही है। राज्य के नागरिकों को अपने स्थान पर रहकर ही स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु सरकार द्वारा राज्य के सुदूर क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार की केंद्र पोषित, राज्य पोषित और वाह्य सहायतित स्वरोजगार परक योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसाय में महिलाओं की सहभागिता अधिक रहती है, इसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए विशेष रूप से प्रयास कर रही है। हमने 1.25 लाख बहनों को लखपति दीदी बनाने की योजना बनाई है, उन्हें भी उद्यमिता से जोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से भारत सरकार के निर्देशन में आगामी एक माह तक “मिशन अंत्योदय सर्वे“ मोबाइल ऐप के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित हुआ है। इस सर्वे में सामुदायिक काडर की महिलाओं द्वारा आर्थिक विकास, गांवों की आधारभूत संरचना, सेवाओं और सामाजिक न्याय से संबंधित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सर्वे गुणवत्तापूर्ण रूप से संपन्न होने के साथ राज्य के सर्वांगीण विकास में इस सर्वे का लाभ प्राप्त हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास हेतु प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड राज्य को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने “विकल्प रहित संकल्प“ को ध्यान में रखकर निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों से आए सभी युवा उद्यमियों का आह्वान किया कि राज्य सरकार के संकल्प को पूर्ण करने में वे भी सहयोगी बनें। इस अवसर पर ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक अभिनव पहल करते हुये राज्य में रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर्स योजना प्रारम्भ की गयी, जिसमें दो इन्क्यूबेटर्स कमशः जनपद अल्मोड़ा व पौड़ी में स्थापित किये गये। इन इन्क्यूबेटरों के माध्यम से ग्रामीण उद्यमियों को उनके नये उद्यम स्थापना तथा स्थापित उद्यमों के विस्तारीकरण हेतु विभिन्न प्रकार के तकनीकी सहायता, मेन्टरशिप सहयोग, विधिक सहयोग, विपणन सहयोग आदि प्रदान किया जा रहा है। जहाँ पर दक्ष मानव संसाधन ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने हेतु भावी ग्रामीण उद्यमियों को तैयार करने में मदद कर रहा है। गत एक वर्ष 500 से अधिक इन्क्यूबेटीज़ द्वारा इन्क्यूबेटर्स के माध्यम से लाभ प्राप्त कर अपने उद्यमों की स्थापना अथवा उद्यम विस्तार में सहायता प्राप्त की गयी है। उन्होंने कहा कि ‘गुल्लक’ कार्यक्रम राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को विकसित करने के लिये सरकार की एक अनूठी पहल है। ग्रामीण उद्यमियों हेतु अयोजित किये जाने वाला यह कार्यक्रम, देशभर में पहला प्रयास है, जहाँ ग्रामीण उद्यमी अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अपने आइडिया/ बिजनेस निवेशकों के सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं। इस मंच से उद्यमियों को अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मिशन अन्त्योदय सर्वे का शुभारम्भ भी किया जा रहा है, भारत सरकार के निर्देशानुसार एक माह के अन्दर उक्त सर्वे कार्य पूर्ण किया जायेगा जिसमें गाँवों में उपलब्ध आधारभूत संरचना, सेवाओं, आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय से सम्बन्धित विषयों पर सूचना का एकत्रीकरण किया जायेगा। इस अवसर पर पूर्व सांसद तरुण विजय, सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, आयुक्त ग्राम्य विकास आनन्द स्वरूप, अपर सचिव ग्राम्य विकास सुश्री नितिका खंडेलवाल सहित अन्य अधिकारी उद्यमी तथा निवेशक उपस्थित थे।