मेरी तीन कविताएं
कविता
राहें लंबी मंज़िल दूर
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
राहें लंबी मंजिल दूर
हर मोड़ पर नई दस्तक आती
क्यों ना हम ऐसा कर जाएं
कि राहें आसान हो जाएं राह के पत्थर हटाते जाते
कदमों की आहट से गूंजते वीराने
क्यों ना कोई निशान छोड़ जाते
मुसाफ़िर बनाते
हर पत्थर एक कहानी कहता
हर कदम निशान छोड़ता
चलो मिलकर राहें मुस्कुराएं
मुसाफ़िर गुनगुनाते जाएं
सपनों की ये बस्ती संभाले
हर मुसाफ़िर को अपना माने
हर दर्द को हम यूँ सुलझाएं
हर राह में किरणें मिल जाएं
बादल छट जाएंगे एक दिन
राहें रोशनी से भर जाएंगी
मुसकानें जिनके दिलों से
राहों पर भी बिखर जाएंगी
राहें लंबी मंज़िलें दूर
हर मोड़ पर नई दस्तक आती
क्यों ना हम ऐसा कर जाएं
कि राहें आसान हो जाएं
मैं हूँ आज़ाद
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
आज़ाद हूँ
मैं खुश हूँ
मैं हूँ सबके अंदर
पर कोई देख न सका मुझे
अजब मेरी दास्तां
गजब मेरी पहचान
मैं हूँ सबके अंदर
पर कोई देख न सका मुझे
हर दिल में बसी हूँ
हर सांस में हूँ मैं
फिर भी क्यों न जाने
कोई पहचान न सका मुझे
मैं हूँ वो रोशनी
जो हर अंधेरे को मिटाए
मैं हूँ वो खुशी
जो हर ग़म को भुलाए
मैं हूँ आज़ाद बेख़ौफ़
मैं हूँ सबके अंदर
पर कोई देख न सका मुझे
अजब मेरी दास्तां
गजब मेरी पहचान
मैं हूँ सबके अंदर
पर कोई देख न सका मुझे
मैं हूँ वो हवा जो हर साँस में बस जाए
मैं हूँ वो धड़कन,
जो हर दिल में रहती।
मैं हूँ वो सपना,
जो हर आँख में सजता,
मैं हूँ वो सच्चाई,
जो हर झूठ को हरता।
जीना है तो मरना सीखो
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
जीना है तो मरना सीखो पहले,
जीते जी मरना ही सुखमय जीवन का आधार है।
हर खुशी में छुपा है एक दर्द का साया,
हर ग़म में छुपा है एक खुशी का नज़ारा।
जीवन की राहें हैं कठिन, पर यही तो है मज़ा,
हर कदम पर है एक नया सबक, एक नया साज़।
जीते जी मरना ही, सच्ची खुशी का राज़ है,
हर पल को जीना, यही तो जीवन का अंदाज़ है।
जीना है तो मरना सीखो पहले,
जीते जी मरना ही सुखमय जीवन का आधार है।
हर खुशी में छुपा है एक दर्द का साया,
हर ग़म में छुपा है एक खुशी का नज़ारा।
हर दर्द में छुपा है एक सबक, एक सीख,
हर हार में छुपी है एक जीत की झलक।
जीवन का ये सफर है अनोखा,
हर मोड़ पर है एक नया मौका।
जीते जी मरना ही, सच्ची खुशी का राज़ है,
हर पल को जीना, यही तो जीवन का अंदाज़ है।
जीना है तो मरना सीखो पहले,
जीते जी मरना ही सुखमय जीवन का आधार है।
ReplyForwardAdd reaction |