मेरी 11 कविताएं
हम सब ही मुसाफ़िर
कविता
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
दुनिया के मेले में हम सब ही मुसाफ़िर
खेलते हुए ज़िंदगी का सफ़र
आया है जाएगा ये साँस का धारा
ज़िंदगी का पाथ है अनंत किनारा
ज़िंदगी है एक नदिया बहती रहती
हर सदिया ढलते दिन और रात
ज़िंदगी का सफ़र है अस्तित्व का माता
हर पल है नया हर लम्हा है ताज़ा
ख़ुशियों के ग़म के साथ चलते हैं
संसार के बंधनों में झुलते हैं
मंज़िल क्या है पता नहीं पर चलते हैं
ज़िंदगी के सफ़र में खुद को खोते हैं
ज़िंदगी है एक नदिया बहती रहती
हर सदिया ढलते दिन और रात
ज़िंदगी का सफ़र है अस्तित्व का माता
हर पल है नया हर लम्हा है ताज़ा
हर राह नए मोड़ हर शाम नई
आओ चलें संग थामें ये घड़ी
जो भी हो हम पास-पास यूँ ही
जगमगाए हर लम्हा हर चाँद की कली
ज़िंदगी है एक नदिया बहती रहती
हर सदिया ढलते दिन और रात
ज़िंदगी का सफ़र है अस्तित्व का माता
हर पल है नया हर लम्हा है ताज़ा
मुस्कुराना सीख ले जीवन का यह सौगात है
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
दुनिया की भीड़ में खोया हुआ मन
ढूंढ रहा है अपना कोई ठिकाना
क्यों रोते हो क्यों उदास रहते हो
मुस्कुराना सीख ले जीवन का यह सौगात है
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
औरों को हंसाना सीख ले खुद को प्यार करना सीख ले
ज़िंदगी का यह सफ़र आसान हो जाएगा
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
दिल के जख्मों को साँसों में छुपा ले
नई उम्मीदों के साथ जगमगा ले
हर मुश्किल का समाधान है
मुस्कुराना सीख ले जीवन का यह सौगात है
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
औरों को हंसाना सीख ले खुद को प्यार करना सीख ले
ज़िंदगी का यह सफ़र आसान हो जाएगा
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
रात की तन्हाई में सपनों को नवाजा
सच को पहचान कर हौंसले को सजाया
खुशियों की राह पर कदम बढ़ा
मुस्कुराना सीख ले दिल से प्यार करना सीख ले
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
औरों को हंसाना सीख ले खुद को प्यार करना सीख ले
ज़िंदगी का यह सफ़र आसान हो जाएगा
मुस्कुराना सीख ले गम भूलना सीख ले
दिल की चमक है सच्ची
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
दिल की चमक है सच्ची
भीतर की रौशनी
दयालुता की परछाई
छू ले हर आशिकी
पाजिटिविटी का जादू
खिले हर मुस्कान
दूसरों को उठाओ ऊपर
बनो नई पहचान
सुंदर दिल की कहानी
हर किसी को बताए
प्यार और प्रेरणा फैलाएं
दुनिया बदल जाए
प्रोत्साहन से भर दो
मन का हर कोना
प्यार की इस लौ में
रखो सबका जीना
सोचो देखो कैसे
मुस्कान लाएं चेहरे पर
दयालुता से बढ़कर
कुछ भी नहीं इस सफर
सुंदर दिल की कहानी
हर किसी को बताए
प्यार और प्रेरणा फैलाएं
दुनिया बदल जाए
आया था दुनिया में दुखों के साथ
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
खेलने रंजो गुम में उलझा
दिल की धड़कनें एक पल का सुकून
मिल जाए अगर तो भेड़ा पार हो जाए
सड़कों पर भटकता तन्हा और अकेला
दिल की आग बुझाने कोई नहीं मेरा सहारा
थक गया हूं लड़ने से इन संघर्षों के साथ
एक पल का सुकून मिल जाए अगर
आंखों में आंसू दिल में दर्द छिपा
कभी-कभी तो लगता ये जीवन ही खत्म हो जाए
पर फिर भी उम्मीद जगती है अंदर
एक पल का सुकून मिल जाए अगर
सुख की झलक मिल जाए बस एक बार
तो जीवन का सफर हो जाए हार
सांवले बादलों के बीच छिपा सपना
पाना है सुकून इस पल का परवाना
इक राह दिखा दे सितारा रौशन
अंधेरों में देखूं सवेरा हुआ
बस एक पल की राहत मिले
इस जीवन की गाड़ी फिर से चले
आंखों में आंसू दिल में दर्द छिपा
कभी-कभी तो लगता ये जीवन ही खत्म हो जाए
पर फिर भी उम्मीद जगती है अंदर
एक पल का सुकून मिल जाए अगर
बाबा धन्यवाद तेरा
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
बाबा धन्यवाद तेरा
हर जगह हर मुस्किल में
साथ तेरा साथ तेरा
मन को शांत करता है
तेरी कृपा से ही
जीते हैं हम
हर पल तेरा ही नाम
हमारी जुबान पर है
बाबा धन्यवाद तेरा
हर जगह हर मुस्किल में
साथ तेरा साथ तेरा
मन को शांत करता है
चाहे आंधी आए
चाहे तूफान आए
तेरा हाथ थामे रहूँ
मैं डरता नहीं
तेरी शरण में आकर
मन को शांति मिली
हर दुःख भूल जाता हूँ
जब तेरा नाम लेता हूँ
बाबा धन्यवाद तेरा
हर जगह हर मुस्किल में
साथ तेरा साथ तेरा
मन को शांत करता है
अदृश्य मोह
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
तेरा नाम, तेरा काम, तेरी बातें
सब मुझे भाती हैं, मन को ललचाती हैं
पर तू नज़र नहीं आता, कहीं भी नहीं
ये दूरियां ही तो हैं, मुझको रुलाती हैं
तुझे ढूँढता फिरता हूँ, हर कण में
तेरी यादें ही हैं, मेरी जीवन में
एक अदृश्य मोह, बंधा है मेरे मन से
कैसे छूटूँ मैं, इस बंधन से?
तेरी आँखों का नूर, मेरी रातों को जगमगाता
तेरा मुस्कुराना, मेरा दिन बनाता
पर तू कहाँ है, ये रहस्य बना हुआ
मन मेरा बेचैन, तू ही तो है मेरा दुआ
कभी मिल पाऊंगा क्या, तुझसे कभी
या यूँ ही रह जाऊंगा, इस बेचैनी में जीते जी
ये सवालों का जाल, मुझे घेरे हुए
कब मिलेगा मुझे, सुकून का यह क्षण, मुझे
समर्पण का गीत
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
समर्पण की राह पर चलें,
हर कदम पर प्रेम बुनें।
महात्मा की तपस्या में,
परमात्मा की छवि देखें।
समर्पण, समर्पण,
जीवन का यही है सार।
समर्पण, समर्पण,
हर दिल में हो प्यार।
किसान की मेहनत में,
परिवार का सुख समाया।
रात-दिन की मेहनत से,
उसने जीवन को सजाया।
समर्पण, समर्पण,
जीवन का यही है सार।
समर्पण, समर्पण,
हर दिल में हो प्यार।
महात्मा और किसान की,
कहानी है एक समान।
दोनों ने अपने-अपने,
राह पर किया बलिदान।
समर्पण, समर्पण,
जीवन का यही है सार।
समर्पण, समर्पण,
हर दिल में हो प्यार।
धर्म हो या परिवार,
देश हो या कोई कला।
समर्पण का अर्थ है,
पूर्णता की भावना।
समर्पण, समर्पण,
जीवन का यही है सार।
समर्पण, समर्पण,
हर दिल में हो प्यार।
हे प्रभु
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
हे प्रभु, तेरी माया कैसी है
तूझे देखना चाहता हूँ, पर नज़र नहीं आता
जब होती है मुश्किल बड़ी, तेरा साथ मिलता है हर घडी
तू मेरा सहारा, मेरा आधार, मेरा सबकुछ है
तेरी लीलाएँ अद्भुत हैं, हे जगदीश
कभी करीब लगता है, कभी दूर
तेरी भक्ति में ही, मिलता है मुझे सुख
तेरा नाम जप-जपकर, मैं मिटता हूँ
क्यों छुपाते हो तुम, मुझसे अपना चेहरा
क्यों नहीं दिखाते, अपना प्यारा नज़ारा
मैं तेरी ही रचना हूँ, हे करुणा निधान
करुणा की दृष्टि से, देख ले मेरे मन को
हे प्रभु, तेरी माया कैसी है
तूझे देखना चाहता हूँ, पर नज़र नहीं आता
जब होती है मुश्किल बड़ी, तेरा साथ मिलता है हर घडी
तू मेरा सहारा, मेरा आधार, मेरा सबकुछ है
क्या कहे क्या बताए प्रभु
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
दिल का हर कोना तुझे पुकारे
तेरे प्यार में डूबा हूँ मैं, तेरे बिना जी नहीं सकता
तेरी आँखों में खोया हूँ, तेरी बातों में खो जाता
हर साँस में तेरा नाम है, हर धड़कन में तेरा जाम है
तू मेरी दुनिया है, तू मेरा सब कुछ है
तू मेरी रात का चाँद है, तू मेरा दिन का सूरज
तू मेरी हर खुशी का राज, तू मेरी हर गम का दुख
तेरे बिना ये जीवन बेकार है, जैसे कोई अधूरा सा नक्शा है
तेरे साथ हर पल, जीवन का सौंदर्य देखता हूँ
तेरी आँखों में, स्वर्ग का दर्शन करता हूँ
तेरे प्यार में डूबकर, जीवन का मज़ा लेता हूँ
तुझे पाकर, मैं धन्य हो जाता हूँ
तेरे लिए जीना चाहता हूँ, तेरे लिए मरना चाहता हूँ
तेरी यादों में खोया रहना चाहता हूँ
तेरे साथ हर पल बिताना चाहता हूँ
तेरे प्यार में ही, अपना जीवन जीना चाहता हूँ
मेरे मन, तूझे कैसे समझ पाऊं
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
बता दे तू ही आज मुझे
लाख कोशिश कर मैं हारा आज
मुझे तू ही जीता दे
तू ही मेरा सहारा, तू ही मेरा सागर
तू ही मेरी धड़कन, तू ही मेरा संगीत
क्यों इतना उलझा है ये मन मेरा
शांत कर दे तू ही मुझे
अंधेरे में खो गया हूँ मैं
तू ही मेरा प्रकाश बन
उलझनों के इस जाल से
मुक्ति दिला दे तू ही
मेरे मन, तूझे कैसे समझ पाऊं
बता दे तू ही आज मुझे
लाख कोशिश कर मैं हारा आज
मुझे तू ही जीता दे
आओ, मेरे साथ चलें, एक नई दुनिया बनाएँ
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
सपनों के रंगों से, ये संसार सजाएँ
हाथों में हाथ मिलाकर, चलें हम साथ-साथ
नफ़रत को छोड़कर, प्यार का पाएँ साथ
धरती माता को प्यार दें, हर जीव को बचाएँ
पेड़ लगाएँ, नदियों को बचाएँ
मिलकर गाएँ, नाचें, खिलखिलाएँ
एक नई दुनिया बनाएँ, एक नई दुनिया बनाएँ
अंधेरे को दूर भगाएँ, उजाले का दीप जलाएँ
ज्ञान की किरण से, मन को जगमगाएँ
एकता की मिसाल बनें, सबको साथ लाएँ
एक नई दुनिया बनाएँ, एक नई दुनिया बनाएँ
आओ, मेरे साथ चलें, एक नई दुनिया बनाएँ
सपनों के रंगों से, ये संसार सजाएँ
हाथों में हाथ मिलाकर, चलें हम साथ-साथ
नफ़रत को छोड़कर, प्यार का पाएँ साथ