मेरी 4 कविताएँ
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
कविता
अंधकार में तमस मिटा
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
अंधकार में तमस मिटा
प्रकाश का ज्योति जगा
मन की गहराइयों में
प्रेम का गीत गा
अहंकार का बंधन तोड़
स्वयं को खो दिया
परमात्मा के संग
एकता में मिल गया
जीवन का चक्र टूटा
मोक्ष का मार्ग मिला
आत्मा का उड़ान
अनंत में समा गया
प्रेम की रौशनी फैली
हर दिशा में चमका
दिल की गहराईयों में
सपनों की कली खिला
राहों में बिछे कांटे
फूल बन के मुस्काए
संग चल पड़ा जब तू
दर्द सारे मिटाए
जीवन का चक्र टूटा
मोक्ष का मार्ग मिला
आत्मा का उड़ान
अनंत में समा गया
अलौकिक प्रेम
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
ज़मीन से ऊपर आसमान से पार
एक प्रेम का सागर बेकरार
नज़रों से ओझल दिलों में समाया
अलौकिक प्रेम अनंत सा छाया
न कोई रूप न कोई नाम
बस महसूस होती है एक अनाम धाम
नश्वर देह से परे आत्मा का संगम
अनंत काल तक रहता ये सपना संगम
न रात है न दिन न कोई काल
बस प्रेम का सागर बहता निरंतर चाल
अंतहीन खाई पार करने की चाह
दिल में जलता दीप जगमगाता राह
सपनों की दुनिया में अनोखा इशारा
दिल की गहराई से जुड़ा प्यारा
आँखों में चमक और होठों पे हँसी
साथ चलें हमसफर नई दिशा की क़सी
हर पल करने का एहसास मस्ती
अलौकिक प्रेम की जैसी बस्ती
सागर से गहरा और आसमान से ऊँचा
दिल का जो रिश्ता वो कभी न टूटेगा
न रात है न दिन न कोई काल
बस प्रेम का सागर बहता निरंतर चाल
अंतहीन खाई पार करने की चाह
दिल में जलता दीप जगमगाता राह
भारत की बात निराली
आर जे रमेश, रडियो मधुबन
गांव की गलियां प्यारी प्यारी
मिट्टी में खुशबू निराली
हर दिशा में हँसी की फुलवारी
सपनों का देश न्यारा न्यारा
नदियों का संगीत सुरीला
फुलों का रंग रंगीला
बच्चों की खिलखिलाहट
चहकते पंछियों का झुंड मिला
भारत की बात निराली
सबसे प्यारा सबसे प्यारा
हर दिल में बसा एक सपना
विश्व में अव्वल हमारा
त्योहारों का रंग अनोखा
संगीत में मिठास गहरा
संस्कृति में गहराई
हर दिल में प्रेम का सागर
बचपन की यादें प्यारी
बुजुर्गों की बातें असली
मिलजुल कर रहें सब यहां
सपनों की है ये बस्ती
भारत की बात निराली
सबसे प्यारा सबसे प्यारा
हर दिल में बसा एक सपना
विश्व में अव्वल हमारा
भगवान का प्यार अनमोल है
आर जे रमेश, रेडियो मधुबन
भगवान का प्यार अनमोल है
हर बच्चा इसका हकदार है
तेज धूप हो या छांव सदा
भगवान सदा साथ हमारे है
माता-पिता का रूप वही
हर जगह बस वही दिखाई दे
आसमान हो या धरती की गोद
प्रेम उसका हर जगह विचरता है
भगवान के बिना कौन हमारा
उसकी ममता जैसे सागर गहरा
उस पर विश्वास हर दिन बढता
भगवान का प्यार हमेशा रहे सदा
जब दिल टूटे या मन हो हारा
भगवान ने हमें सहारा दिया
आशा की किरण हर मुश्किल में
उसके पीछे छुपा सकल संसार सारा
भगवान का नाम सदा लें हम
हर संकट से पार पाएं हम
प्यार उसका भारी दुनिया पर
हर पल उसके गीत गाएं हम
भगवान के बिना कौन हमारा
उसकी ममता जैसे सागर गहरा
उस पर विश्वास हर दिन बढता
भगवान का प्यार हमेशा रहे सदा