प्यार बाँटते चलो
कविता
आर. जे. रमेश, रेडियो मधुबन
प्यार बाँटते चलो
धन और ताकत से नहीं बनता हर कार्य,
बस, प्यार से, प्रेम से करो ईबादत,
प्यार से होता हर कार्य आसान
प्यार बाँटते चलो II
यहाँ हर इन्सान है प्यासा
यहाँ हर कोई है तरसा,
बच्चे, जवान, बड़े सब है
दीवाने प्यार के,
प्यार बाँटते चलो II
सबकी चाहत एक,
सबकी मंज़िल एक,
सबका लक्ष्य एक,
कुछ भी हो जाए
मिले प्यार हर जगह से,
प्यार बाँटते चलो II
चलो आज ईश्वर से
पा ले इतना प्यार,
भर ले अपने मन को ,
पूरे दिल में, बस हो
प्यार ही प्यार II
तब ही होगा इस संसार का उद्धार,
फिर ना कोई माँग होगी,
फिर ना कोई माँगता फिरेगा,
और ना कोई किसी से लड़ेगा,
सब तरफ होगा प्यार ही प्यार,
प्यार बाँटते चलो II