यूकास्ट शुरू करेगा रेडियो का प्रसारण – प्रोफेसर दुर्गेश पन्त, महानिदेशक, यूकास्ट
पुस्तक ‘वैज्ञानिक एवं तकनीकी से कम लागत पर साग सब्जी उत्पादन’ का हुआ विमोचन
परिचय गोष्ठी में लोगों ने साझा किये अपने अनुभव
देहरादून। राज्य के काश्तकारों को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं तकनीकी परिषद(यूकास्ट) रेडियो का प्रसारण शुरू करेगा। यह बात यूकास्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पन्त ने एक पुस्तक विमोचन समारोह के अवसर पर कही। यह पुस्तक पर्वतीय क्षेत्रों में कम लागत पर साग सब्जी का बेहतर उत्पादन कैसे हो सकता है। इस विषय को दृष्टिगत रखते हुए जन सामान्य भाषा में लिखी गया है। उद्यान विशेषज्ञ डॉ राजेन्द्र प्रसाद कुकसाल द्वारा लिखित तथा भलु लगदु/ फीलगुड चेरिटेबल ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित पुस्तक ’वैज्ञानिक एवं तकनीकी से कम लागत पर साग सब्जी उत्पादन’ का सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल में विमोचन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में परिचय गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित लोगों ने अपने अनुभव साझा किये तथा राज्य को समृद्ध बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में पुस्तक विमोचन किया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता तथा धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी की अध्यक्षता तथा प्रोफेसर दुर्गेश पन्त के मुख्य आतिथ्य में पुस्तक विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि पदम् श्री कल्याण सिंह रावत ’मैती’, नाबार्ड के पूर्व महाप्रबंधक बी. पी. नौटियाल, सूचना आयुक्त डॉ विपिन चन्द्र घिल्डियाल तथा पूर्व सूचना आयुक्त जे. पी. ममगांई थे। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए भलु लगद/फीलगुड के संस्थापक सुधीर सुन्दरियाल ने संस्था के कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि, संस्था निरन्तर रिवर्स माइग्रेशन पर कार्य कर रही है तथा पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादकता को बढ़ाने के लिए जनजागृती के साथ- साथ स्वयं का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही है। मुख्य अतिथि प्रोफेसर दुर्गेश पन्त ने कहा कि, राज्य में काश्तकारों को तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए यूकास्ट रेडियो का प्रसारण शुरू करेगा तथा हर जिला मुख्यालय में सांइस सिटी खुलेगी। यदि राज्य में किसी भी व्यक्ति के पास स्टार्ट अप से सम्बन्धित कोई आइडिया हो तो ऐसे व्यक्तियों के लिए यूकास्ट ने सिंगल विंडो के माध्यम से स्टार्ट अप शुरू करने का अच्छा प्लेट फार्म हो सकता है। राज्य में उद्यमिता विकास के लिए यूकास्ट निरन्तर कार्यरत है। यूकास्ट की सेवाओं का लाभ राज्य का प्रत्येक व्यक्ति उठा सकता है। विशिष्ट अतिथि मैती आन्दोलन के प्रणेता पदम् श्री कल्याण सिंह रावत मैती ने कहा कि, उत्तराखण्ड में परम्परागत ज्ञान की कमी नहीं है। इस परम्परागत ज्ञान को सहेजने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के पूर्व महाप्रबंधक बी. पी. नौटियाल ने डॉक्यूमेंटेशन पर जोर दिया तथा राज्य के सूचना आयुक्त डॉ विपिन चन्द्र घिल्डियाल ने संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि, संस्था रिवर्स माइग्रेशन के लिए स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। पूर्व सूचना आयुक्त जे. पी. ममगांई ने पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमिता विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लोकेश नवानी ने कहा कि, हिमालयी क्षेत्रों में संसाधनों की कमी नहीं है बशर्ते उसका मानव हित में सही प्रकार से उपयोग किया जाए। पुस्तक के लेखक डॉ राजेन्द्र प्रसाद कुकसाल ने पुस्तक लेखन के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा किये।
पुस्तक की समीक्षा सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित प्रेम बहुखण्डी ने की तथा कार्यक्रम का संचालन सुभाष चन्द्र नौटियाल ने किया। कार्यक्रम में कुलानन्द घनसाला, एस. पी. नौटियाल, गिरीश सुन्दरियाल, रमेश चन्द्र बडोला, सुरेन्द्र सिंह रावत, जयदीप सिंह रावत, दिवाकर धस्माना, सुशील कुमार, अनु पन्त, अजय बहुगुणा, दिनेश सुंदरियाल, गुणानंद जखमोला, नुपूर नवानी, बीपी कुंडलिया आयुष बिष्ट, नमिता मंमगाई, कुलदीप रावत अनसूया डोबरियाल आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।