डॉ. सुरेन्द्रलाल आर्य ’सर्वोदयी पुरूष’ सरला बहिन स्मृति सम्मान – 2024 से सम्मानित
कोटद्वार। कण्वाश्रम ग्राम स्वराज्य समिति (पंजीकृत-1966) व अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन कोटद्वार के सयुंक्त तत्वाधान में एक बरातघर में उत्तराखंड में सर्वोदय की जनक, गांधी जी की अंग्रेज शिष्या, लक्ष्मी आश्रम कौसानी की संस्थापिका सरल बहिन (पूर्व नाम कैथरीन मैरी हेईलमैन) की 123 जयंती व पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की 116 वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई, कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया व सरला बहिन व बाबू जगजीवन राम जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए।
इस अवसर पर डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित समाजसेवी डॉ. सुरेन्द्रलाल आर्य ’सर्वोदयी पुरुष’ ,प्रदेश महासचिव उत्तराखंड सर्वोदय मण्डल एवं अध्यक्ष गढ़वाल सर्वोदय मंडल को सर्वोदय विचारों के प्रवाह एवम् समाजसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु ’सरला बहिन स्मृति सम्मान-2024’ से सम्मानित किया गया। वयोवृद्धा गांधीवादी सर्वोदय सेविका शशिप्रभा रावत ने कहा कि श्री आर्य सही अर्थों में सर्वोदयी पुरुष हैं जो स्वर्गीय सर्वोदय सेवक मानसिंह रावत की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं ।
मुख्य वक्ता डॉ. नन्दकिशोर ढौंडियाल ’अरुण’ ने कहा कि गांधी जी की अंग्रेज शिष्या कैथरीन मैरी हेईलमैन गांधी जी के विचारों से पूर्ण सहमत थीं, उनका कहना था कि हम अंग्रेजों को भारत स्वतंत्र कर देना चाहिए, तथा भारतीयों को अपना राज काज खुद चलाने देना चाहिए,वे अपने ही देश के विरुद्ध हो गई थीं ।
विशिष्ट अतिथि साहित्यकार योगेश पांथरी ने कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की विशेषता थी कि वे केन्द्र सरकार के जिस भी विभाग के मंत्री रहे वह विभाग खूब फला-फूला। विशिष्ट अतिथि सतेंद्र प्रसाद ममगाईं ने सरला बहिन जी के के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाजसेवी सत्यप्रकाश थपलियाल ने कहा कि दीन दुखियों की सेवा से बढ़कर कोई बड़ा धर्म नही है, परोपकार मनुष्य का आभूषण है ।
संचालन जनार्दन प्रसाद बुडाकोटी व राकेश कुमार अग्रवाल ने किया। सभा को चक्रधर शर्मा ’कमलेश’, कैप्टन पी एल खंतवाल (सेनि), प्रवेश नवानी, विनय रावत, डॉ. गीता रावत शाह, योगेश पांथरी, अनिल सिंघल, गोपाल बंसल, चंद्रप्रकाश नैथानी, प्रवेश नवानी, महेंद्र कुमार अग्रवाल आदि ने संबोधित किया। सभा मे मोहन चन्द्र देवलियाल, कर्नल बिमला रावत (सेनि), लक्ष्मी देवी, शिवकुमार, नन्दलाल धनगर, एस एन नौटियाल, आशा खरबंदा, राजेन्द्र प्रसाद पंत, डॉ. शीलसौरव रावत, धीरजधर बछवान, सतीश कुमार (तहसीलदार सेनि), डॉ. ललन बुडाकोटी, जनार्दन ध्यानी,अमेरिका सिंह, अनिल ध्यानी, विपुल उनियाल, जनार्दन ध्यानी, सूर्यनारायण पांडे आदि उपस्थित रहे ।