सचिव राजस्व परिषद चन्द्रेश कुमार की अध्यक्षता में जनपदीय समीक्षा बैठक आयोजित

Spread the love

पौडी। सचिव संस्कृत शिक्षा, जनगणना विभाग एवं उत्तराखण्ड शासन एवं सचिव व आयुक्त राजस्व परिषद चन्द्रेश कुमार द्वारा जिला कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के महत्वपूर्ण मुद्दों, जनपद की महत्वपूर्ण लम्बित योजनाओं के साथ-साथ जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी एवं ग्रामीण), एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन), हर खेत को पानी, पी.एम. पोषण मिशन, जिला योजना जनगणना तथा संस्कृत शिक्षा विभाग आदि बिंदुओं की जनपदीय, विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
समीक्षा बैठक में सचिव ने कहा कि सरकारी भूमि के संरक्षण के साथ-साथ उसके रख-रखाव की जितनी मुख्य जिम्मेदारी राजस्व विभाग की है उतनी ही जिम्मेदारी अन्य सभी विभागों की है। विभागीय भूमि के संरक्षण और रख-रखाव की जिम्मेदारी सम्बन्धित विभाग है जिसके पास जिस भी रूप में सरकारी भूमि परिसंपत्ति के रूप में उपलब्ध है। उन्होंने सभी विभागों को इस संबंध में निर्देशित किया कि सभी विभाग अपनी-अपनी भूमि परिसंपत्ति का रिकार्ड अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि आज की तिथि में जिस विभाग के पास भी सरकारी भूमि जिस रूप में उपलब्ध है उसको विभागीय पंजिका में दर्ज करें साथ ही जिसकी भूमि पर अतिक्रमण का खतरा है उसे अतिक्रमण से सुरक्षित रखें तथा जहां अतिक्रमण हो चुका है उसे तत्काल अतिक्रमण मुक्त करें। इसके साथ ही सचिव ने सभी विभागों को 29 बिन्दुओं के एक निर्धारित प्रारूप में विभागीय भूमि परिसंपति से संबंधित विवरण को ऑनलाइन दर्ज करने के निर्देश देते हुए कहा कि इससे सभी विभागों के पास उपलब्ध भूमि लैंड बैंक के रूप में संरक्षित रहेगी तथा जब भी किसी परियोजना अथवा कार्य के लिए भूमि उपलब्धता की आवश्यकता होगी तो ऑनलाइन पोर्टल में दर्ज भूमि के अनुसार आसानी से और शीघ्रता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी।
बैठक में जिला प्रशासन द्वारा पौड़ी जनपद के मुख्य मुद्दों तथा लम्बित कार्यों की ओर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से ध्यान आकर्षित किया गया जिन पर शासन से वित्तिय अथवा अन्य स्वीकृति अनुमोदन हेतु अपेक्षित है। पौड़ी जनपद के मुख्य मुद्दों में चमधार सिरोबगड में अक्सर बाधित होने वाला यातायात रूट, जनपद के पौड़ी शहर में सीवरेज लाइन स्थापना, वन क्षेत्रों से सटे मुख्य मार्गों में स्ट्रीट लाइट लगाने, वन ग्रामों में मूलभूत सुविधाओं का विकास, जनपद में रेलवे लाइन निर्माण के प्रभावितों का मुआवजा, शहरी क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष नियंत्रण हेतु सुविधाएं प्रदान करने, कार्बेट रिजर्व से सटी बस्तियों में सोलर विद्युतीकरण, नये बस अड्डे से रोड़वेज का संचालन, विकासखंड यमकेश्वर के अमोला क्षेत्र में 108 चिकित्सा वाहन सुविधा उपलब्ध करवाने, गडोली में मशहूर शिकारी जॉय हूकिल वन्यजीव पर्यटन केन्द्र होम स्टे निर्माण इत्यादि में शासन स्तर के वित्तिय तथा इस संबंध में अग्रिम अनुमोदन हेतु सचिव शासन के संज्ञान में लाया गया।
इसके अतिरिक्त सचिव के संज्ञान में जनपद के लम्बित मुद्दों बस अड्डे का निर्माण, सिंगटाली मोटर सेतु निर्माण, बड़खोलू मोटर सेतु निर्माण, ल्वाली झील निर्माण कार्य तथा जनपद में विभिन्न सड़कों के निर्माण, डामरीकरण व सुधारीकरण से संबंधित लम्बित मुद्दों को भी साझा किया। सड़क निर्माण व सुधारीकरण के संबंध में सचिव महोदय ने निर्देश दिये कि जनपद की समस्त सड़क कार्यों में पहले प्राथमिकता निर्धारित करें तथा यदि एक बार प्राथमिकता निर्धारित कर दी है उसके पश्चात निर्माण कार्य और सुधारीकरण के कार्यों में किसी भी तरह का बदलाव ना करें। ताकि जनपद के सभी क्षेत्रों की सड़कों का संतुलित विकास हो सके तथा वित्तिय आपूर्ति के अनुरूप प्राथमिकता आधारित सड़कों का निर्माण व सुधारीकरण पहले हो जाए।
सचिव महोदय ने जल जीवन मिशन के कार्यों के संबंध में निर्देश दिये कि जल जीवन मिशन से संबंधित छोटे-छोटे कार्यों को केवल जल संस्थान और पेयजल निगम ही नही बल्कि अन्य विभाग भी अपने स्तर से देखें तथा कार्यों में यदि कहीं कोई सुधार अपेक्षित हो तो उसका निस्तारण करवायें। सचिव महोदय ने जनपद में 6987 स्वंय सहायता समूह के गठन करने के सापेक्ष लक्ष्य से अधिक 7100 करने की सराहना की।
उन्होने ने कृषि, उद्यान विभाग को निर्देशित किया कि बैंक के समन्वय से उन सभी किसानों का केवाईसी समय से पूर्ण करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को जनपद में स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के निर्देश दिये। उन्होंने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मध्य बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया ताकि एनआरएचएम तथा शिक्षा विभाग के बाल पोषण और संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम व योजनाऐं बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा सके।
संस्कृत शिक्षा की समीक्षा के दौरान सचिव महोदय ने जनपद में संस्कृत शिक्षा की स्थिति में बहुत सुधार करने की जरूरत बतायी। जनपद में कुल 08 संस्कृत विद्यालयों में 494 बच्चे शिक्षा ले रहें है जिसमें केवल दो ही छात्रा संस्कृत शिक्षा ले रही है। उन्होंने संस्कृत शिक्षा की और छात्राओं को अधिक से प्रेरित करने तथा शिक्षकों की संख्या में भी बढ़ोतरी करने के साथ अभिनव प्रयोग करते हुए गुणवत्ता को बेहतर करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग द्वारा जनपद में मत्स्य उत्पादन क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा रहा है।
इस दौरान सचिव ने जिलाधिकारी द्वारा प्रस्तावित कोटद्वार में बर्ड इंटरप्रिटेंशन सेंटर, पौड़ी में मांउटेन म्यूजियम, देवप्रयाग में गंगा म्यूजियम, बिपिन सिंह रावत मेमोरियल, गंगा पदयात्रा, आदि पर सराहना करते हुए कहा कि पौड़ी में पर्यटन को बढ़ाने के लिए ऐसे प्रस्तावों पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 आशीष चौहान, मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पांडे, संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रवीण कुमार, सीटीओ गिरीश चन्द्र, डीडीओ पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, डीपीआरओ जितेन्द्र कुमार, डीएसटीओ राम सलोने, डीएसओ के.एस.कोहली सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *