जल शक्ति अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित
जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्यों के संबंध में केंद्रीय नोडल टीम 12-14 जून तक जनपद भ्रमण पर
पौड़ी। केन्द्रीय नोडल अधिकारी जल शक्ति भारत सरकार कौशलेंद्र प्रताप सिंह और सीनियर वैज्ञानिक तकनीकि नोडल करम सिंह के नेतृत्व में जल शक्ति अभियान ’कैच द रेन’ कार्यों के निरीक्षण हेतु केन्द्रीय नोडल टीम 12-14 जून तक जनपद भ्रमण पर है।
आज विकास भवन सभागार में जनपद के संबंधित विभागों ने जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर योजना, जल स्त्रोत पुनर्जीवन, वर्षा जल संरक्षण, चाल-खाल, नौले, माइक्रो डैम इत्यादि संबधित कार्यों का विभागवार प्रजेन्टेशन दिया गया। इस दौरान सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई, जल संस्थान, पेयजल निगम, ग्राम्य विकास, कृषि विभाग आदि विभागों ने जल शक्ति अभियान के कार्यों के साथ पर्यावरण संरक्षण, मृदा संरक्षण और वनीकरण के कार्यों की अभिनव पहल और भविष्य की कार्ययोजना के बारे में भी अवगत कराया। विभागीय अधिकारियों ने वाटर बॉडी चिन्ह्किरण, उनकी मैपिंग, जियो टैगिंग, कार्य प्रारम्भ और रख-रखाव आदि का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
इस दौरान केन्द्रीय नोडल अधिकारी कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन व मनुष्यों द्वारा जल के अवैज्ञानिक दोहन के चलते जल संकट विश्वव्यापी हो चुका है। शहरों में भूमिगत जल नीचे जा रहा है। पहाड़ों में जल स्त्रोत झरने सूखते जा रहे है, जिस कारण जल संरक्षण व मृदा संरक्षण मुख्य चिंतन के केन्द्र में आ गया है। कहा कि आगामी 2 दिनों तक भारत सरकार की केंद्रीय टीम जनपद में अलग-अलग अमृत सरोवरों व श्रीनगर स्थित जल शक्ति केंद्र का निरीक्षण करेगी।
बैठक में सीनियर वैज्ञानिक तकनीकि नोडल करम सिंह के ने कहा कि जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर अभियान और वृक्षारोपण के साथ-साथ मृदा संरक्षण व संवर्द्धन में परम्परागत तरीके के साथ-साथ जो भी आधुनिक रिसर्च ओर नई तकनीक सामने आ रही है उनका उपयोग कर बेहतर परिणाम प्राप्त किए जा रहे हैं। कहा कि हमें न केवल जल विहीन जंगल, वन्यजीव जैसे प्रकृति के आभूषणों को बचाने के लिए सबकी भागीदारी लेनी होगी क्योंकि प्रकृति संरक्षण के कार्यों की व्यापकता बहुत अधिक है।
इस दौरान ज़िला विकास अधिकारी पुष्पेन्द्र सिंह चौहान ने अवगत कराया कि जनपद में जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर और वृक्षारोपण कार्यों के संबंध में ग्राम सभा स्तर पर पहले बैठकों का आयोजन किया गया जिनमें अभियान के तहत किए जाने वाले कार्यों के संबंध में स्थानीय लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करते हुए उनकी भागीदारी ली गई। विकासखण्ड स्तर से लेकर जिला पंचायत बैठकों तथा विभिन्न विद्यालयों के साथ ही विशेष आयोजन के अवसरों पर ’कैच द रेन’ शपथ दिलाई गई तथा लोगों को जल के व्यावहारिक उपयोग, वैज्ञानिक तरीके से उसका संवर्धन संरक्षण के संबंध में जागरूक किया जा रहा है।
विकास भवन में आयोजित बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई संजय शर्मा, एडीपीआरओ नितिन नौटियाल सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।