बिजनेस उत्तरायणीं देहरादून का हुआ आयोजन, 100 से अधिक उद्यमियों ने किया प्रतिभाग
देहरादून। सहस्त्रधारा रोड पर स्थित चाणक्य डिफेंस कॉलेज में हिमालयन रिसोर्सेज इनहैंसमेंट सोसायटी द्वारा बिजनेस उत्तरायणीं देहरादून का सफल आयोजन किया गया । कार्यक्रम में 100 से अधिक छोटे बड़े व्यवसायियों, उद्यमकर्ताओं और सामाजिक व्यक्तित्वों ने भाग लिया । आयोजन की थीम “प्रोफेशनल रिवर्स माइग्रेशन और इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट इन उत्तराखंड“ थी । उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु आयोजकों द्वारा दिल्ली, बेंगलुरु, फरीदाबाद, मानिला, अल्मोड़ा, रानीखेत भिकियासैंण, मंथन (2) और कई वेबिनार्स आयोजित किए जा चुके हैं । कार्यक्रम की शुरुआत ओएनजीसी में जीएम डी एस भंडारी, कर्नल डिमरी, प्रसिद्ध व्यवसायी चंद्र बल्लभ टम्टा, उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष सुनील उनियाल, पर्यटन विभाग में अतिरिक्त निदेशक डॉ पूनम पांडे, SGRRU के प्रोफेसर संजय पोखरियाल ने दीप प्रज्वलित कर किया । इस अवसर पर देहरादून मीट की पत्रिका का भी लोकार्पण किया। सभी उपस्थित उद्यमियों ने स्वयं का परिचय करवाया ।
ONGC GM HR और बिजनेस उतरायणी के मार्गदर्शक डी एस भंडारी ने सभी आगंतुकों और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा आयोजन के लक्ष्यों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला । युवा उद्यमी और उत्तराखंड इंडस्ट्रियल डिवेलप वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुनील उनियाल ने व्यापार मंडलों और उद्यमियों द्वारा आपस में एकजुट हो उत्तराखंड में बेहतर व्यापार और नए प्रयासों हेतु सहयोग पर अपने विचार दिए तथा और बेहतर योजनाओं का उल्लेख किया । हिम शक्ति के कुछ उत्पादों का भी लोकार्पण किया गया । आर्किटेक्ट विनय सिंह ने हवाई साहसिक खेलों और ग्रामीण पर्यटन में युवाओं की भागीदारी पर अपने विचार दिए। कुछ संबंधित वीडियो भी दिखाए गये। पौड़ी गढ़वाल से पहुंचे सुप्रसिद्ध भलू लग्द / फील गुड के प्रणेता सुधीर सुंद्रियाल ने पहाड़ में बंजर खेतों की आबादी और उद्यानीकरण के प्रयासों पर शानदार कार्य योजनाओं से सभी को अवगत कराया । उत्तराखंड में बागवानी से एक समृद्धि और संरक्षित समाज निर्माण के लक्ष्य को भी सांझा किया। पर्यटन विभाग में अतिरिक्त निदेशक डॉ पूनम चंद ने पर्यटन विभाग कि कई योजनाओं और सफल गतिविधियों के संबंध में प्रेजेंटेशन दिखाई गई। साथ ही उन्होंने पर्यटन क्षेत्र में किसी भी प्रकार की योजना या नव प्रयासों को स्वतंत्र आमंत्रण भी दिया । मसूरी से सोहम संग्रहालय के निदेशक समीर शुक्ला ने कला संस्कृति को संवर्धन और स्थानीय कला उत्पादों को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थान दिलाने के महत्व और कार्यप्रणाली पर अपने विचार रखे । खादी ग्रामोद्योग की देहरादून अधिकारी डॉ अलका पांडे ने छोटे व्यवसायों को शक्ति प्रदान करने तथा विभिन्न विभागों की योजनाओं को जरूरतमंद उद्यमियों तक पहुंचाने के विभागीय प्रयासों पर प्रकाश डाला । साथ ही 18 वर्षीय प्रिंसी वर्मा तथा डॉ बीना भदौरिया द्वारा भी अपने प्रोजेक्ट्स की जानकारी साझा की गई । संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के उत्तराखंड राज्य प्रमुख डॉ प्रदीप मेहता ने सतत विकास लक्ष्यों और समाज में उद्यमिता तथा स्वरोजगार द्वारा नई जागृति की भूमिका पर विशेष प्रकाश डाला गया । स्वरोजगार हेतु युवाओं द्वारा पहल किए जाने और स्थापित व्यवसायियों द्वारा उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयास करने का विचार प्रकट किया । वरिष्ठ मार्गदर्शक डॉ कर्नल डिमरी और प्रसिद्ध उद्यमी चंद्र बल्लभ टम्टा द्वारा सभी का आयोजन समिति की ओर से आभार व्यक्त किया गया और इस प्रकार के आयोजन निरंतर करवाने हेतु सुझाव दिया । चाणक्य डिफेंस कॉलेज के प्रधानाचार्य देव नागर ने समस्त आगंतुकों और सहयोगियों का धन्यवाद किया तथा कार्यक्रम का समापन एवार्ड ऑफ ऑनर और एवार्ड ऑफ अप्रिशिएशन के सम्मान पत्रों के साथ किया गया । आयोजन समिति में नीरज बवाड़ी, भुवन हराड़ी, शेखर मैथानी, गिरीश बवाड़ी, हरीश जोशी, विनोद मधवाल, अनु पंत, संजय बिष्ट तथा जीवन चंद्र ने विशेष भूमिका निभाई ।